कश्मीर में अलगाववादी आंदोलन पर नोटबंदी का प्रभाव
पाकिस्तान किसी न किसी बहाने कश्मीर का मुद्दा किसी भी मंच पर उठाने से बाज़ नहीं आ रहा है । वह विश्व...
पाकिस्तान किसी न किसी बहाने कश्मीर का मुद्दा किसी भी मंच पर उठाने से बाज़ नहीं आ रहा है । वह विश्व को यह दिखाने का प्रयास कर रहा है कि कश्मीर की जनता भारत के साथ रहने को तैयार नहीं है आैर कश्मीर में भारत सरकार की दमनकारी नीति के चलते वहाँ मानवाधिकारों का हनन जारी है।
अपने इस एजेंडे की पूर्ति के लिए पैसा तो बहा ही रहा है साथ में आतंकी संगठनों व संकीर्ण मुस्लिम दलों की मदद भी ले रहा है बदले में उन्हें धन उपलब्ध करवा रहा है। आतंकवादी संगठन कश्मीर की जनता में दहशियत फैला रहे हैं हुर्रियत कान्फेर्स, जामाते इस्लामी,तालिबान हिज़बुल मुजाहिदीन जैसे संगठन देश विरोधी गतिविधियों में जोर शोर से लगे हैं।
वर्तमान भारत विरोधी आंदोलन 8 जुलाई 2016 को हिज़बुल मुजाहिदीन के आंतकवादी बुहरान वाणी के एक एन्काउटर में के बाद मारे जाने के बाद शुरू हुआ। बुहरान के मारे जाने के बाद